Coronavirus ग्राउंड जीरो रिपोर्टः दिल्ली के क्वारंटीन सेंटर में इंतजाम अच्छे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग में फेल!

 


Coronavirus ग्राउंड जीरो रिपोर्टः दिल्ली के क्वारंटीन सेंटर में इंतजाम अच्छे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग में फेल!



सार



  • मेल-मिलाप की आम दिनों की आदत छूट नहीं रही तमाम चेतावनियों के बाद भी

  • सेंटर में भर्ती लोग नियमों के प्रति लापरवाह



 

विस्तार


आइए, आपको ले चलते हैं दिल्ली के कोंडली इलाके के एक क्वारंटीन सेंटर पर। अच्छी व्यवस्थाओं के बावजूद छोटी-छोटी चूक थम नहीं रही हैं। जब तक लोगों में बर्ताव में जागरूकता नहीं दिखेगी, तो कोरोना से लड़ाई की बेहतर तैयारियां भी बेअसर साबित हो जाएंगी।
 

इस सेंटर पर क्वारंटीन किए गए लोग सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का ठीक से पालन नहीं कर रहे हैं। कुछ लोगों ने फेसमास्क नहीं लगाया हुआ है, तो कुछ बेपरवाह इधर-उधर भटक रहे हैं। सेंटर के अंदर काम कर रहे कुछ कर्मचारी और सेंटर के बाहर सुरक्षा में लगे जवान भी सोशल डिस्टेंसिंग का उचित पालन करते हुए नहीं पाए गए।

अमर उजाला ने सोमवार दोपहर डेढ़ बजे दिल्ली के इस क्वारंटीन सेंटर में पाया कि दिल्ली सरकार के अच्छे इंतजामों के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है।

पूर्वी दिल्ली के कल्याणपुरी इलाके के राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय (जीजाबाई), कोंडली के बाहर सुरक्षा में तैनात कर्मी सोशल डिस्टेंसिंग नियमों को धता बताते हुए बेहद करीब खड़े होकर आपस में बातचीत कर रहे थे।

उनके साथ कुछ स्थानीय और कुछ ऐसे लोग भी खड़े मिले, जिनके करीबियों को यहां क्वारंटीन किया गया है। यहां खड़े लोग सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति पूरी तरह लापरवाह दिखे।

सेंटर के अंदर का हाल


क्वारंटीन सेंटर के अंदर प्रवेश करते ही कुछ कर्मचारी आपस में करीब बैठकर बातचीत करते दिखाई पड़े। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा था। यह बात दीगर कि सभी कर्मचारियों ने फेसमास्क पहन रखा था।

लेकिन संक्रमित लोगों की सेवा में जुटे इन कर्मचारियों में कुछ ने ग्लव्स नहीं पहन रखे थे। हालांकि, सुरक्षा डेस्क और भोजन वितरण के लिए बने स्टाल पर बैठे कर्मचारी पूरी तरह चौकस दिखाई पड़े। यहां पर दूरी भी बनाकर रखी गई थी और सभी लोगों ने ग्लव्स भी पहन रखा था।

 


 



सेंटर के गलियारे में घूमते दिखे लोग


सेंटर को मुख्य रूप से तीन हिस्सों में बांटा गया है। मुख्य भवन के बाएं हिस्से में प्रशासनिक गतिविधयां चलती हैं। यहां स्वास्थ्य सुविधाएं भी मौजूद हैं। वहीं दाहिने हिस्से में क्वारंटीन किए गए लोगों को दो अलग-अलग ग्रुपों में आमने-सामने के ब्लॉक में रखा गया है।

एक तरफ परिवार के साथ रह रहे लोगों और महिलाओं को रखा गया है, जबकि इसके सामने दूसरे हिस्से में मजदूरों या अकेले लोगों को क्वारंटीन किया गया है।

परिवार के साथ रह रहे लोग सेंटर के गलियारे में घूमते दिखाई पड़े। उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखाई पड़ी। हालांकि इसके प्रति आगाह किये जाने के बाद लोग अपने-अपने कमरों में चले गए।

सेंटर के प्रशासन से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि लोगों को इस बंद माहौल के अंदर घूमने की इजाजत दी गई है, लेकिन इस दौरान भी उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग करने के लिए पूरी तरह सचेत किया गया है।

सपरिवार क्वारंटीन व्यक्ति ने बताया


झारखंड के रहने वाले नरेश यादव इस सेंटर में अपने पूरे परिवार के साथ क्वारंटीन किए गए हैं। वे यहां एक अप्रैल से रह रहे हैं और उनके साथ उनकी पत्नी और परिवार के चार अन्य लोग भी रह रहे हैं।

मौके पर पाया गया कि न तो उन्होंने और न ही परिवार के कुछ अन्य लोगों ने फेसमास्क लगाया हुआ था। परिवार के सदस्य करीब बैठकर बातचीत भी कर रहे थे। इसके प्रति अमर उजाला के द्वारा आगाह किए जाने के बाद नरेश यादव ने फेसमास्क लगाया और बताया कि वे दिल्ली के शंकर विहार में रहते हैं।

लॉकडाउन के कारण दिल्ली में रहने से उन्हें मुश्किल हो रही थी, जिसके बाद वे अपने साथ के सभी लोगों के साथ एक गाड़ी के जरिए झारखंड जाने के लिए निकले थे। लेकिन पुलिस ने कोरोना संक्रमित होने की आशंका में उन सबको यहां क्वारंटीन किया हुआ है।

उनके साथ के उन 32 लोगों को यहां सेंटर में क्वारंटीन किया गया है, जो दो गाड़ियों में झारखंड जाने की फिराक में थे।

 



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